Sex story :- Bhai ki sex toy bni bhahan,भाई की सेक्स टॉय बनी बहन: दिव्या की हॉट इंसेस्ट स्टोरी हिंदी में
पढ़िए दिव्या की सच्ची सेक्स स्टोरी, जहां वो अपने भाई गौरव और उसके दोस्त विनय के साथ हॉट एडवेंचर में फंस जाती है। कॉलेज की हॉट गर्ल से भाई की सेक्स टॉय बनने तक का सफर, चॉकलेट प्ले, ब्लाइंडफोल्ड सेक्स और मल्टीपल ऑर्गेज़म से भरी ये कहानी आपको एक्साइट कर देगी। हिंदी में पूरी स्टोरी! नमस्ते सबको, मेरा नाम दिव्या है और मैं बिहार से हूँ, लेकिन दिल्ली में रहती हूँ। घर में मेरे पापा और मेरा बड़ा भाई गौरव है, मम्मी तो जब मैं छोटी थी तभी गुजर गईं। मैं 25 साल की हूँ और लोग कहते हैं कि मैं बहुत अट्रैक्टिव और हॉट लड़की हूँ।
सेक्स की दुनिया में मैंने 18 साल की उम्र में कदम रखा था। जो घटना मैं आपको बताने वाली हूँ, वो मेरी अपनी है और चार साल पहले घटी थी। कॉलेज में मैं सबसे हॉट लड़की थी, हमेशा लड़कों से घिरी रहती। मैं बहुत ही खुले विचारों वाली लड़की थी। जहाँ सारी लड़कियाँ सूट या जींस में आतीं, मैं हमेशा स्कर्ट पहनकर आती। सेक्स में भी मैं एक्टिव थी, इसलिए शर्माती नहीं थी। लड़के मेरे लिए सेक्सी बिकिनी या मिनी स्कर्ट्स लेकर आते और अपना कैमरा देकर कहते कि इन कपड़ों में अपनी कुछ पिक्स क्लिक करो। लगभग पूरे कॉलेज के पास मेरी बिकिनी वाली या मिनी स्कर्ट वाली फोटोज थीं।
किस तो कॉलेज के सारे लड़कों ने किया ही था। कईयों ने कपड़ों के ऊपर से मेरे बूब्स और चूत को सहलाया था। कुछ ने मुझे ब्रा में देखा था और कुछ ही लकी लड़कों के साथ मैं सोई थी। उनमें से एक लड़का था विनय, जो मेरा सीनियर भी था और मेरे भाई का दोस्त भी। मैं उसकी तरफ अट्रैक्टेड थी, और वो भी मुझे लाइक करता था। हम दोनों करीब आने लगे, इतने करीब कि कपड़े भी बीच में नहीं रहते। उसके साथ घूमना-फिरना, उसे चूसना-चाटना वगैरह रोज का काम हो गया। एक बार उसने मुझे सैटरडे को अपने घर बुलाया और कहा कि बहाना बनाकर आना ताकि संडे को ही वापस जा सकें।
मेरे घर में कोई नहीं था, भाई ऑफिस के काम से सुबह ही बता कर चला गया था और पापा मीटिंग की वजह से शहर के बाहर थे। मैं तैयार होकर विनय के यहाँ पहुँच गई। मेन गेट से घुसने के बाद उसके घर में सिक्योरिटी कैम लगा था। मैंने बेल बजाई तो दरवाजा नहीं खुला। तभी मेरे मोबाइल पर विनय का फोन आया, वो घर में ही था। मैंने दरवाजा खोलने को कहा तो उसने कहा कि अपने सारे कपड़े उतारकर दरवाजे पर ही छोड़ दो। मैं तो एक्साइटेड थी ही, तुरंत मान गई और धीरे-धीरे अपने सारे कपड़े खोल दिए। फिर विनय ने कहा कि अपने बूब्स दबाओ और कैम में दिखाओ।
मैं खुशी-खुशी ये सब कर रही थी। दो मिनट बाद दरवाजा खुल गया और मैं अंदर आ गई। बेडरूम में विनय ने मुझे दबोच लिया और पूरे बदन पर किस की बरसात करने लगा। मैंने पूछा, आज क्या बात है, बड़े एक्साइटेड लग रहे हो? विनय बोला, कुछ नया करने जा रहा हूँ। मैंने पूछा तो बोला, पता चल जाएगा। हम अंदर आए और थोड़े स्नैक्स और सॉफ्ट ड्रिंक के बाद उसने एक पोर्न डीवीडी प्ले कर दी। हम दोनों एक्साइटेड होने लगे। फिर उसने मेरे हाथ बेड से बाँध दिए और पैर फैलाकर बेड के दूसरे साइड से बाँध दिए, मुझे स्प्रेड ईगल पोजिशन में कर दिया। तब वो जाकर एक बॉटल चॉकलेट सॉस लाया और एक पट्टी।
उसने वो पट्टी मेरी आँखों पर बाँध दी। फिर मेरे बूब्स पर सॉस डाली और जोर-जोर से चूसने लगा। मेरे निप्पल्स को काटता, चाटता, जैसे मानो भूखा शेर हो। मेरी सिसकारियाँ निकलने लगीं, “आह… विनय… कितना अच्छा लग रहा है…” तभी मुझे लगा जैसे वो मेरे ऊपर चढ़ रहा हो और मेरे होंठों पर कुछ टच हुआ। जैसे ही मैंने मुँह खोला, मैं समझ गई कि उसने लंड पर चॉकलेट लगाकर मेरे मुँह में डाल दिया। ये मेरे लिए नई फीलिंग थी। मेरी चूत पर भी चॉकलेट डाली और चाटने लगा, जीभ से गहराई तक छूता, क्लिट को चूसता।
तब तक मैं बहुत एक्साइट हो गई और उसके मुँह में ही झड़ गई। चूसते-चूसते उसका लंड भी काफ़ी टाइट हो गया, लेकिन वो झड़ने से पहले ही हट गया। फिर वो मेरे ऊपर आया और एक ही झटके में मेरी गीली चूत के अंदर अपना लंड डाल दिया। मुझे कुछ अलग लगा, लेकिन मैंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया। वो एक कुत्ते की तरह मुझे चोद रहा था, जोर-जोर से धक्के मारता, मेरे बूब्स को मसलता।
मैं भी बहुत एक्साइट हो रही थी, “हाँ… चोदो मुझे… और जोर से…” जैसे ही मैं झड़ने वाली थी, तभी मेरी पट्टी खींचकर निकाल दी गई। सामने का सीन देखकर मेरे होश उड़ गए और उसी घबराहट में मुझे बहुत जोर का और मल्टीपल ऑर्गेज़म हो गया। मैंने देखा कि मेरा भाई मेरे ऊपर चढ़ा मुझे चोद रहा था और विनय बगल में खड़ा था। गौरव का मुँह चॉकलेट से सना हुआ था, वो भी मेरे अंदर ही डिसचार्ज हो गया और मेरे ऊपर गिर गया। बोला, “अरे दिव्या, मुझे नहीं पता था मेरे घर में ही सबसे टगड़ा माल है। बहुत जबरदस्त चूत है रे तू तो।” मैं न रो सकी न हँस सकी। मैंने उनसे पूछा तो पता चला कि ये दोनों का
प्लान था। यह कहानी आप में पढ़ रहे। गौरव मुझे चुदते हुए देखना चाहता था, लेकिन फिर खुद को रोक नहीं सका। बाहर जब मैं कपड़े उतार रही थी तो वो भी कैम पर सब देख रहा था। और फिर रूम में छुप गया था। जब विनय ने मेरी आँखों पर पट्टी बाँधी थी तब विनय हट गया और गौरव आ गया। मैं बोल उठी, “यानी तब से अब तक गौरव मुझे चूस रहा था और मेरे मुँह में मेरे ही भाई का लंड था?” वो हँसकर बोला,
प्लान था। यह कहानी आप में पढ़ रहे। गौरव मुझे चुदते हुए देखना चाहता था, लेकिन फिर खुद को रोक नहीं सका। बाहर जब मैं कपड़े उतार रही थी तो वो भी कैम पर सब देख रहा था। और फिर रूम में छुप गया था। जब विनय ने मेरी आँखों पर पट्टी बाँधी थी तब विनय हट गया और गौरव आ गया। मैं बोल उठी, “यानी तब से अब तक गौरव मुझे चूस रहा था और मेरे मुँह में मेरे ही भाई का लंड था?” वो हँसकर बोला,
“हाँ।” मुझे रोना सा आने लगा तो विनय बोला, “अरे रो मत, सबका तो लेती है, अपनों का ले लिया तो क्या हुआ?” मैंने उनसे रिक्वेस्ट की कि मुझे खोल दो तो उन्होंने कहा, थोड़ी देर में। और फिर दोनों मेरे निप्पल्स से खेलने लगे, चूसते, काटते, मेरे बदन को सहलाते। फिर मैंने दोनों के लंड फिर से तनते हुए देखे, मैं समझ गई कि आज तो मेरी शामत आ गई। विनय ने मुझे चोदना शुरू किया, जोर-जोर से धक्के मारता,
मेरी चूत को फैलाता, और गौरव ने मेरे मुँह में फिर से अपना साँप डाल दिया। इस बार गौरव ने मेरे मुँह में ही अपना पानी गिराया, मैंने वो शर्म के घूँट के साथ पी लिया। बाद में मुझे खोल दिया गया। फिर दो रातों तक यही सिलसिला चलता रहा। कभी विनय चोदता, कभी गौरव, कभी दोनों मिलकर। मेरी चूत और मुँह दोनों भरे रहते। गौरव मेरे बूब्स को इतना चूसता कि वो लाल हो जाते, और विनय मेरी गांड को सहलाता, उँगलियाँ डालता।
रात भर हम नंगे सोते, सुबह उठकर फिर शुरू हो जाते। मैं थक जाती लेकिन एक्साइटमेंट में सब भूल जाती। कुछ हफ्तों बाद मैंने विनय से ब्रेकअप कर दिया, लेकिन भाई और मेरा रिश्ता बना रहा। अब तो उसके दोस्त भी शामिल हो गए, लेकिन वो फिर कभी। तब से मैं अपने भाई की सेक्स टॉय बन गई। मेरी कहानी पढ़ने के लिए शुक्रिया।
